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मोहब्बत कुछ कमाल न कर पाई

*शीर्षक:- मोहब्बत कुछ कमाल न     कर पाई*


आज फिर इक दिल टूटा,
आवाज़ फिर से नही आयी!!

आज फिर हमसे कोई अपना रूठ गया 
करली उसने भी हमसे रुसवाई!!

कुछ तो कमी हमारे जज़्बातों की ही रही है शायद,
इसलिए इस बार नही दी हमने उसे, रुक जाने की दुहाई!!

आँसुओ का सैलाब आने से पहले रोक लिया हमने
लगता है इस बार भी मोहब्बत कुछ कमाल न कर पायी!!

*Unity shrivastava, एकता* ✍️

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4 Comments

Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI

21-Dec-2021 09:37 PM

Nice

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Swati chourasia

21-Dec-2021 08:35 PM

Very beautiful 👌

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Shandar mam👌👌 bahut accha likhi hai ap.. ek ek shbd dil se👏👏👏

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